Friday, May 24, 2013

शौर्य क्या है ???

शौर्य क्या है?
थरथराती इस धरती को रौंदती फ़ौजियों की एक पलटन का शोर,
या सहमे से आसमान को चीरता हुआ बंदूकों की सलामी का शोर।

शौर्य क्या है?
हरी वर्दी पर चमकते हुए चंद पीतल के सितारे,
या सरहद का नाम देकर अनदेखी कुछ लकीरों की नुमाइश।

शौर्य क्या है?
दूर उड़ते खामोश परिंदे को गोलियों से भून देने का एहसास,
या शोलों की बरसात से पल भर में एक शहर को शमशान बना देने का एहसास।

शौर्य,
बहती बियास में किसी के गर्म खून का हौले से सुर्ख हो जाना,
या अनजानी किसी जन्नत की फ़िराक में पल पल का दोज़ख बनते जाना,
बारूदों से धुंधलाए इस आसमान में शौर्य क्या है?

वादियों में गूंजते किसी गाँव के मातम में शौर्य क्या है?
शौर्य,
शायद एक हौसला शायद एक हिम्मत हमारे बहुत अंदर,
मज़हब के बनाए नारे को तोड़ कर किसी का हाथ थाम लेने की हिम्मत,
गोलियों के बेतहाशा शोर को अपनी खामोशी से चुनौती दे पाने की हिम्मत,
मरती मारती इस दुनिया में निहत्थे डटे रहने की हिम्मत।

शौर्य,
आने वाले कल की खातिर अपने हिस्से की कायनात को आज बचा लेने की हिम्मत।

शौर्य क्या है?

------------------------------------------------------------------------ जावेद अख्तर (फिल्म-शौर्य )

Friday, May 17, 2013

मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है, ग़र याद रहे...

         कभी-कभी ज़िन्दगी में कुछ बुरा होना ब्लेसिंग इन डिसगाईज हो जाता है.. अब देखिये न पिछले दो महीने से लैपटॉप ख़राब पड़ा है इन दिनों कुछ भी नहीं लिख सका, कुछ लिखा भी तो डायरी के पन्नों तक ही रहा.. फिर एक दिन बैठा बैठा उन पन्नों को पढना शुरू किया और साथ ही साथ रिकॉर्ड करना भी, जानता हूँ मेरी आवाज़ के हिसाब से पॉडकास्ट एक कोई ख़ास अच्छा आईडिया तो नहीं ही है, फिर भी अपनी आवाज़ में अपना कुछ लिखा सुनना किसे अच्छा नहीं लगता... कुछ गलतियां हुईं, सुधारता रहा और आज सब कुछ सुना तो दो पन्ने अच्छे बन पड़े हैं, उन दो पन्नों को पॉडकास्टस के रूप में यहाँ रख रहा हूँ... अगर कोई गलती लगे तो ध्यान ज़रूर दिलाईयेगा...





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