tag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post7342584434861211897..comments2024-03-27T12:37:26.047+05:30Comments on खामोश दिल की सुगबुगाहट...: सिर्फ तन का भक्षण ही नहीं बल्कि मन का भक्षण भी बलात्कार है... Shekhar Sumanhttp://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-43390027313698263532016-06-29T11:09:43.360+05:302016-06-29T11:09:43.360+05:30मैं सहमत हूँ मैं सहमत हूँ हरियाली रख रखावhttps://www.blogger.com/profile/17117429345647405130noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-28834178900449368512013-01-28T10:27:43.539+05:302013-01-28T10:27:43.539+05:30सतीश जी, मेरी पोस्ट का मतलब ही यही है कि बलात्कार ...<b>सतीश जी, मेरी पोस्ट का मतलब ही यही है कि बलात्कार का मतलब केवल जबरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाना ही नहीं बल्कि जबरदस्ती किये जाने हर उस कृत्य से है जो नाजायज है...<br />फिर भी चूंकि इस शीर्षक पर कई आपत्तियां हैं तो मुझे भी इसे बदलने पर शायद सोचना चाहिए...</b>Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-48363427259463690632013-01-26T20:44:22.397+05:302013-01-26T20:44:22.397+05:30बेहद खराब शीर्षक
अनुपयुक्त ...
मगर बढ़िया लेख... ...बेहद खराब शीर्षक<br />अनुपयुक्त ...<br /><br />मगर बढ़िया लेख... Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-53889541460229592532013-01-19T13:56:48.704+05:302013-01-19T13:56:48.704+05:30एक तरह की मानसिक-विकृति का परिणाम होता है बलात्कार...एक तरह की मानसिक-विकृति का परिणाम होता है बलात्कार | तुम्हारा जो शीर्षक है, वही इंडियन पीनल कोर्ट १८६० का भी कहना है की किसी भी ऐसे शारीरिक सम्बन्ध , जिसमे किसी एक भी पार्टनर की सहमति न हो , को बलात्कार कहा जाता है | इस परिभाषा में रखोगे तो अपनी सोसाइटी के बहुत से कृत्य बलात्कार की श्रेणी में आते हैं | पर जब उनपर से आँख बंद कर ली जाती है तो जो बातें खुलकर आती हैं, उसपर भी लोगो का रवैया उदासीन ही देवांशु निगमhttps://www.blogger.com/profile/16694228440801501650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-21927039494975910242013-01-13T21:57:54.661+05:302013-01-13T21:57:54.661+05:30सटीक,,,, सोचने को विवश करती
सुन्दर लेख ..
लोहड़ी व...सटीक,,,, सोचने को विवश करती<br />सुन्दर लेख ..<br />लोहड़ी व मकरसंक्रांति की शुभकामनाएँ !<br />शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-55395507867504639722013-01-13T11:53:56.357+05:302013-01-13T11:53:56.357+05:30लोहड़ी, मकर संक्रांति और माघ बिहू की शुभकामनायें.लोहड़ी, मकर संक्रांति और माघ बिहू की शुभकामनायें.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-19034319889969639812013-01-10T21:45:49.647+05:302013-01-10T21:45:49.647+05:30मानसिक क्रूरता की पराकाष्ठा है..मानसिक क्रूरता की पराकाष्ठा है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-34468387767181663202013-01-09T22:11:15.224+05:302013-01-09T22:11:15.224+05:30सोचने को मज़बूर करता बहुत सारगर्भित आलेख...सोचने को मज़बूर करता बहुत सारगर्भित आलेख...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-52082275271599717982013-01-09T11:41:58.151+05:302013-01-09T11:41:58.151+05:30बिल्कुल सहमत हूँ आपकी इस बात से ...यहाँ पर मैं कुछ...बिल्कुल सहमत हूँ आपकी इस बात से ...यहाँ पर मैं कुछ कहना चाहती हूँ, ये जो लोग कहतें हैं समाज ... हमारा समाज ...तो फिर क्यों है इतना घिनौना समाज ?? आज इस बात पर लाखों लोग खड़े हो गए कि न्याय करो ...हम खुद क्यों नहीं न्याय करते। ऐसा नहीं है की ये पहली बार हुआ है, हमारे हिन्दुस्तान में रोज न जाने ऐसे कितने किस्से होतें हैं, तो फिर क्यों नहीं होता उन सबके साथ न्याय। अगर हम चाहें तो खुद कर सकते हैं Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-42974354016681966352013-01-09T06:48:20.903+05:302013-01-09T06:48:20.903+05:30bahut atikbahut atikArun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-40156989866488029132013-01-08T22:49:34.379+05:302013-01-08T22:49:34.379+05:30सहमत हूँ आप की बात से, किन्तु समाज का कितना बड़ा त...सहमत हूँ आप की बात से, किन्तु समाज का कितना बड़ा तबका आप की बात से सहमत होगा और उसे समझेगा , पता नहीं ।anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-73059979349763124372013-01-08T22:02:09.884+05:302013-01-08T22:02:09.884+05:30एक बहुत ही सटीक व जानकारी भरी पोस्ट ..और इस जानकार...एक बहुत ही सटीक व जानकारी भरी पोस्ट ..और इस जानकारी को सही ढंग से प्रयोग भी किया ...सार्थक भी हैं।Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-19633833980425100712013-01-08T21:21:27.699+05:302013-01-08T21:21:27.699+05:30balatkaar ki sateek paribhasha di hai aapne..ab sa...balatkaar ki sateek paribhasha di hai aapne..ab samy hai apni soch me badlav karne ki.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-27072821418345566822013-01-08T21:12:40.407+05:302013-01-08T21:12:40.407+05:30प्रभावी !!
जारी रहें।
शुभकामना !!
आर्यावर्त (स...प्रभावी !!<br />जारी रहें।<br /><br />शुभकामना !!<br /><br /><a href="http://www.liveaaryaavart.com" rel="nofollow"> आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़ )</a>आर्यावर्त डेस्कhttps://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-53583442468540488762013-01-08T20:23:43.913+05:302013-01-08T20:23:43.913+05:30अब बदलाव की जरुरत है, मन से और आत्मा से ...तभी सोच...अब बदलाव की जरुरत है, मन से और आत्मा से ...तभी सोच बदलेगी Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-66617684394636035112013-01-08T20:18:49.840+05:302013-01-08T20:18:49.840+05:30फिलहाल तो आपकी पहली आपत्ति दर्ज करते हुए पोस्ट के ...<b><i>फिलहाल तो आपकी पहली आपत्ति दर्ज करते हुए पोस्ट के शीर्षक में थोडा बदलाव कर दिया है अब शायद ये उपयुक्त लग रहा होगा... बाकी टिपण्णी का जवाब रात को देने की कोशिश करूंगा... अभी तो किचन में थोडा व्यस्त हूँ... </i></b>Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-83086077192916613332013-01-08T20:10:33.590+05:302013-01-08T20:10:33.590+05:30वत्स शेखर!!
सबसे पहले तो शीर्षक पर मेरी आपत्ति दर...वत्स शेखर!! <br />सबसे पहले तो शीर्षक पर मेरी आपत्ति दर्ज़ करो.. "बलात्कार का मतलब केवल सम्भोग करना नहीं है.." वत्स, बलात्कार का अर्थ केवल क्या किसी भी कोण से सम्भोग नहीं है. सम्भोग एक पवित्र क्रिया और बलात्कार एक अपिशाचिक वृत्ति..<br />.<br />खजुराहो के मंदिर की बाहरी दीवार पर बनी संभोगरत मूर्तियां इस बात की प्रमाण हैं कि जो व्यक्ति सम्भोग में ही अटका रहेगा वह मंदिर में प्रवेश नहीं पा चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-89828762113648762222013-01-08T19:28:02.998+05:302013-01-08T19:28:02.998+05:30एकदम सहमत हूँ.एकदम सहमत हूँ.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-32100074752796911522013-01-08T16:51:27.690+05:302013-01-08T16:51:27.690+05:30आपने अधिकांश पुरुषों की स्त्रियों के प्रति मानसिकत...आपने अधिकांश पुरुषों की स्त्रियों के प्रति मानसिकता और विचारों का सटीक खुलासा किया है ,लेकिन यह भी सच है कि<br />किसी दूसरे के मन में किसी के भी प्रति आने वाले विचारों ,भावों को आप या कोई और तो रोक नहीं सकते ..हाँ बचपन से ही <br />पाठशाला और आसपास के माहौल की शिक्षा ," मुख्यत:माँ बाप और परिवार द्वारा दिए जारहे संस्कार व परवरिश ही <br />"स्वत:मन व दिमाग को रोक सकते हैं ,कानून तो अपराध manju sharmahttps://www.blogger.com/profile/14755840471303622395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-51911254757235105212013-01-08T15:05:11.676+05:302013-01-08T15:05:11.676+05:30सहमत हूँ.
घुघूतीबासूतीसहमत हूँ.<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-68889295923859016352013-01-08T14:48:32.269+05:302013-01-08T14:48:32.269+05:30ये कांटे पनप ही ना सकें तो इन्हें
काटने की जरुरत
ह...ये कांटे पनप ही ना सकें तो इन्हें<br />काटने की जरुरत<br />ही नहीं होगी...<br />काश आपके जैसे विचार<br />ऐसी भावना हर इंसान में आ<br />जायAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07358539338823945647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-67342883730326156042013-01-08T13:09:56.791+05:302013-01-08T13:09:56.791+05:30ये कांटे पनप ही ना सकें तो इन्हें काटने की जरुरत ह...ये कांटे पनप ही ना सकें तो इन्हें काटने की जरुरत ही नहीं होगी... <br />काश आपके जैसे विचार ऐसी भावना हर इंसान में आ जाये, फिर किसी कानून किसी सजा की जरुरत ही ना हो...काश...काश...काश संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-4007610618306546432013-01-08T13:06:27.120+05:302013-01-08T13:06:27.120+05:30सही है, वस्तुतः उन कारणों पर चिंतन करना होगा, जो ...सही है, वस्तुतः उन कारणों पर चिंतन करना होगा, जो ऐसी मानसिकता की पूरी कम्यूनिटि खडी करने के मूल कारक है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7104233150823978670.post-40432792292052501232013-01-08T12:57:35.123+05:302013-01-08T12:57:35.123+05:30kash ham sab apne apndar jhank payen, aur khud ko ...kash ham sab apne apndar jhank payen, aur khud ko badal payen... मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.com