Wednesday, October 17, 2018

एक बुरे इन्सान का दुःख....

रौशनी चुभ सी रही है आँखों में... लगता है ये रौशनी जिसमें मैं खुद को देख सकूं और मुझे एक उदास सा इंसान दिखे इससे बेहतर है अँधेरे में विलीन हो जाना... ऐसे में जब कोई बेखयाली से ये कह दे कि I Hope you are fine तो जैसे अन्दर ही अन्दर घुटन का एक समंदर ज़ोरदार हिलोरे मारकर मेरी हिम्मत के सारे बाँध तोड़ जाता है...  दुखी होने से ज्यादा मुश्किल है उस दुःख के रहते हुए भी पूरे ज़माने के सामने ख़ुशी का लिबास ओढ़कर चलते रहना... ज़िन्दगी जिसे हम सालों के नम्बर्स के हिसाब से बांटते हैं उसकी आधी दहलीज पर खड़े होकर भी मुझे यहाँ लगता है जैसे I am standing on the square one....

शायद मैं उदास हूँ, शायद दुखी या फिर शायद डिप्रेस्ड.. इन कई सारे शायद के बीच चौराहे पे खड़े होकर मन करता है शायद कोई तूफ़ान, बवंडर, उड़ा ही ले जाए मुझे... खुद से गुमशुदा हो जाने को ही शायद मौत कहते होंगे, या फिर शायद ज़िन्दगी जब ज़र्रे-ज़र्रे में बिखर जाए तब... लेकिन ज़िन्दगी और मौत के बीच हमेशा एक कालकोठरी होती है, मौन की कालकोठरी... जब हम खामोश हो जाते हैं, इतने खामोश कि अपने गम, सुख, क्रोध हर नुक्कड़ पर बस मौन का दामन थामे आगे निकल जाना चाहते हैं... जब शब्दों का कोई औचित्य नज़र न आता हो... 


मौन एक खालीपन सा छोड़े दे रहा है चारों ओर, मेरे अंदर एक ऐसा सवाल कि लगता है अगर अपने आप को अभिव्यक्त करने से कोई खुद रोक ले तो कितने दिन जीवित रह पाएगा... शब्द उठते हैं और बिना पूर्ण हुए अंदर ही अंदर विलीन हो जाते हैं...  जबकि मेरी ज़िंदगी का ताना बाना शब्दों के ही इर्द गिर्द रहा हो हमेशा, कम से कम 18 सालों से तो ज़रूर, ऐसे में अचानक से किसी से कुछ न कहने और कुछ न लिखने के लिए खुद को मना रहा हूँ... शरीर खंडित सा हुआ जाता है, दिमाग के नसें फटी सी जा रही हैं... अगर मेरे शब्द कभी मेरी पहचान रहे हों तो आज वही शब्द मेरे सबसे बड़े दुश्मन मालूम पड़ते हैं... 

दुनिया भर की सारी खामियों का पुलिंदा समेटे चुपचाप ही बैठना चाहता हूँ कुछ वक़्त और... किसी से कोई शिकायत नहीं, बस एक मौन ही बेहतर है.... शायद कुछ दिनों के लिए या फिर हमेशा हमेशा के लिए... 

किसी के नज़र में बुरा हो जाने में कोई बुराई नहीं, पर इतना बुरा बन जाना कि इस वजह से वो किसी अपने से दूर होने लगे... इससे बेहतर है, खामोश हो जाना चाहे जैसे भी हो... वैसे भी बुरे इंसानों के दुःख मायने नहीं रखते...

मैं एक बुरा इंसान हूँ, इंतना बुरा कि सबका अच्छा सोचता हूँ... 
Do you love it? chat with me on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...