Sunday, July 14, 2013

P.S.:- सावधान, ये कोई सेंटी पोस्ट नहीं है...

काफी अरसा हो गया यहाँ कोई हलचल मचाये हुए...एक दिन की ही पोस्ट में सभी बातें और परेशानियों का चिट्ठा खोलना तो सम्भव नहीं है लेकिन फिर भी लिखने की स्वाभाविकता को बरकरार रखने के लिए यहाँ और एक पन्ना रद्दी ठेलने चला आया हूँ...

अब जैसा कि ये फोटू कह रहा है कि टट्टियाँ होती रहती हैं
लेकिन तभी तो बाथरूम में फ़्लश लगा होता है,
अब बैठ के उसे सूंघते रहोगे तो नाक तो भन्नायेगा ही,
इसलिए उसे बहाओ और अपना काम करते रहो..


परेशानियों की शुरुआत उसी दिन से हो गयी थी, जब हमारे मुंडेर पर सुबह-सुबह कुछ कौवों ने बैठकर शोर मचाया था...  काला जादू जैसा कुछ होता है इसपर एक रत्ती भी यकीन नहीं है, लेकिन कहते हैं न जब खुद पर बीतती है तो मॉडर्न होने का सारा दंभ पानी हो जाता है... काले जादू के डर के कारण नहीं, लेकिन उन्होंने मेरी नींद ऐसी खराब कर दी कि सच में ख्याल आया कि उन कौवों को पकड़ के दिल खोल के सूत दिया जाए, लेकिन कहते हैं कौवे को मारना अशुभ होता है तो हमने इस ख्याल को जाने दिया (वैसे भी कौन सा हम कौवों को पकड़ पाते थे)... खैर आने वाले किसी खतरे से बेखबर गुड फ्राइडे के दिन हमने HTC का नया नया मोबाईल खरीदा... हमने सोचा फ्राइडे गुड है और क्या चाहिए भला... पहली बार इतना महंगा मोबाईल ख़रीदा था तो हम भी ख़ुशी से फूल के कुप्पा हुए जा रहे थे.. इस ख़ुशी के चक्कर में हम इस्टर वाला दिन भूल गए, और इसी दिन हमारे लैपटॉप ने अचानक से जल समाधि ले ली ... सारी ख़ुशी हवा हो गयी, हम घनघोर आशावादी इंसान की तरह अपने लैपटॉप को हरबार इस उम्मीद में ऑन करते रहे कि शायद अबकी हो ही जाए... अंत में कुल जमा एक हफ्ते के बाद हमें एहसास हो गया कि अब ये नहीं चलने वाला... एक आध जगह दिखाया तो पता चला कि लैपटॉप का मम्मी-तख्ता (मदर बोर्ड) ही ख़राब हो चुका है, कुल १० हज़ार तक का बजट बन सकता था, सो हमने कुछ दिनों के लिए टाल दिया... उधर भारत सरकार की कुछ आलसी हरकतों के कारण हमारी सैलरी रुकी हुयी थी (जो अब तक भी नहीं आई.. :-( )... खैर भारत सरकार को कुछ कहने का मतलब क्या है, उसका तो भगवान् भी मालिक नहीं है... 
जैसे तैसे बिना लैपटॉप और उस अनजाने काले साए से डर के हम अपना जीवन चला रहे थे, इसी बीच हमारे शरीर में कुछ केमिकल लोचा हो गया और अस्पताल का चक्कर लग गया, कहते हैं न गरीबी हो तो आटे का गीला हो जाना बिलकुल नहीं सुहाता है अपना हाल वैसा ही था... अस्पताल के लबादे में बिताये वो दिन बहुत मुश्किल थे, उन दिनों मैंने जाना ज़िन्दगी कोई हॉलिडे पैकेज नहीं है, यहाँ मिलने वाली हर एक सांस के लिए संघर्ष है... आस-पास के बिस्तरों पर लडती जिंदगियों ने भी हौसला दिया कि मेरा दुःख कुछ भी नहीं उन सबके आगे... खैर ये सीरियस बातें फिर कभी, इस पोस्ट में "सेंटियापा" घुसेड़ने का मेरा कोई इरादा नहीं है...
 अभी हम एकदम भले चंगे हैं, बिना किसी शोर शराबे के पिछले सन्डे हमारा जन्मदिन भी आके चला गया और कल से हमारा लैपटॉप भी पांच डिजिट गांधीजी के इन्वेस्टमेंट के बाद सामान्य तौर पर सांसें ले रहा है... 
ज़िन्दगी से दो दो हाथ करके कुछ मिला तो है नहीं हमें, लेकिन फिर भी तैयार हैं हम ज़िन्दगी से इश्क लड़ाने के लिए... आखिर इसे हर पल लगातार जीना पड़ता है, क्यूंकि ज़िन्दगी ड्राफ्ट में सेव नहीं की जा सकती...
अजीब रिश्ता है मेरा ज़िन्दगी के साथ, वो मुझे डराती है, धमकाती है, गिराती है... और मैं हँसता हूँ, मुस्काता हूँ और फिर खड़ा हो जाता हूँ...उफ़ ये मोहब्बत जो है ये ससुरी ज़िन्दगी से...
कितना भी सता ले तू मुझे ओ ज़िन्दगी,
तेरा दीवाना हूँ मैं, तेरे पास ही आऊंगा.


चलते चलते:- अब आप यहाँ तक आ ही गए हैं तो देर से ही सही लेकिन जन्मदिन की बधाई लिए बिना नहीं जाने दूंगा, वैसे भी किसी को कुछ समझ न आये और पोस्ट पर कमेन्ट करके अपने ब्लॉग पर आने का नीमंत्रण देना हो (ऐसा निमंत्रण, नीम के जूस से कम नहीं लगता मुझे), तो पोस्ट की आखिरी लाईन के सहारे ही अंदाज़े लगाये जाते हैं... और हाँ इस पोस्ट में दो-एक जगह "कुत्ता" शब्द का उल्लेख किया था जो अब हटा लिया गया है, क्या पता किसी की भावनाएं आहत हो जाएँ... 

25 comments:

  1. जन्मदिन की शुभकामनायें, लैपटॉप सुधरने की शुभकामनायें और इन सबके अलावा दो एक जगह से हटा लिये गये वर्जित शब्द के न दिखने के कारण भावनाओं के आहत होने से बचने की भावना रखने के लिये भी शुभकामनायें :)

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  2. जन्मदिन की शुभकामनायें,

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  3. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन बेचारा रुपया - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  4. जन्म दिवस की शुभकामनायें | बढ़िया पोस्ट |

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  5. 'यहाँ मिलने वाली हर एक सांस के लिए संघर्ष है...'
    ध्रुव सत्य... अनुभूत सत्य!

    Belated Birthday wishes!!!

    'हमारा लैपटॉप भी पांच डिजिट गांधीजी के इन्वेस्टमेंट के बाद सामान्य तौर पर सांसें ले रहा है...'
    Very well put:)

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  6. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपके चिठ्ठे का अनुसरण कर रहे हैं।

    कृपया एक बार मेरे इन चिठ्ठों पर भी नज़र डाले :-

    प्रचार
    ज्ञान - संसार

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  7. तुमको साला फिर से हैप्पी बड्डे !!!! अब खुश ?????

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    1. साले मुबारकबाद दे रहे हो या धमकी ?? :O

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  8. जनम दिन की शुभकामनायें ...

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  9. जन्‍मदिन की शुभकामनाएं दी जाएं या अस्‍पताल से मुक्‍त होकर स्‍वस्‍थ होने की......? जो भी हो वापस पटरी पर लौट आने पर आपका स्‍वागत है।

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  10. शुभकामनायें ... वाह.

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  11. साले जन्मदिन वाले दिन तो रो रहे थे फोन पर ... यहाँ साले तुम को बातें आ रही है ... मिलो साला फिन बताते है तुम को ... :(


    फिर भी हैप्पी बर्थड़े !

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    1. तीन वाक्यों में तीन बार "साला" शब्द का प्रयोग किया गया है... Hmmmm...
      क्या हो गया है इस देश की भाषा को...

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  12. अब क्या कहे कुछ लोगों को तो हमेशा रोते रहने की आदत होती है वो भी बेकार में ... :-p

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  13. हैप्पी वाला बड्डे मुबारक हो !
    जिन्दा बच कर जेब खालिया कर अस्पताल से आ गए सही सलामत मुबारक हो !
    लैप टॉप दस की जगह पञ्च गाँधी जी से चल गया उसकी भी मुबारक हो !
    तनखा जल्दी ही मिल जाएगी उसके लिए पहले से ही मुबारक हो !

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    1. आपने शायद गौर नहीं किया.. "पांच डिजिट गांधीजी" लिखा है.. :(

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    2. चलो एक मुबारकबाद वापस ले लेते है :(

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    3. आपकी मुबारकबाद का मान रखने के लिए आज ही भारत सरकार ने हमारे रुके हुए गांधीजी हमारे हवाले कर दिए हैं.. आप इस देश के लिए और भी बहुत कुछ कर सकती हैं.. :-)

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  14. अजीब सा है सब कुछ ....फिर भी
    शुभकामनाएँ

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  15. लैपटॉप का पानी में डूबना किसी जलप्रलय से कम नहीं है।

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  16. आप ने तो मुश्किल में डाल दिया....लैपटाप के लिए बधाई भी नहीं दे सकता और हमें रचनायें पढ़कर बधाई देने की आदत हो गई है.... चलिए जन्मदिन की बधाई......

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  17. आपके ब्लॉग को ब्लॉग एग्रीगेटर "ब्लॉग - चिठ्ठा" में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।

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  18. जन्म दिवस की शुभकामनायें

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  19. जन्मदिन के लिए शुभकामनायें और लैपटॉप ठीक होने के लिए बधाई.

    अब कुछ और बात,
    बुरा मत मानियेगा शेखरजी, लेकिन पहली बार आपका ब्लॉग पढ़कर ऐसा लगा जैसे आपको नहीं पढ़ रही. इस पोस्ट का लेखक कोई झल्लाया हुआ सा इंसान लग रहा है जो अपना गुस्सा किसी पर उतारने के लिए आतुर है. आपकी चिरपरिचित शैली भी इससे पूरी तरह गायब महसूस हुई. जैसा कि आपने बताया कि आपकी ज़िन्दगी में हालिया कई मुश्किलें आई और आपने उसको झेला इसलिए इस पोस्ट का मिजाज़ बखूबी समझ में आता है. लेकिन एक संतुलन जो आपके पोस्ट्स में महसूस होता है वह इसमें नहीं है.

    आशा है आप मेरी इस टिप्पणी को सकारात्मक रूप में लेंगे. मेरी लाग-लपेट वाली तारीफ़ करने की आदत नहीं है. जैसा महसूस करती हूँ बोल देती हूँ. मेरी बात बुरी लगी हो तो क्षमाप्रार्थी हूँ.
    - स्नेहा

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