- रेलवे आज से ५ साल पहले ही १५० की गति में ब्रेक लगाकर सफल परिक्षण कर चुका है...
- चलिए अगर ये मान भी लें कि ब्रेक के कारण ये हादसा हुआ तो उस परिस्थिति में पीछे की बौगियाँ उतरतीं जबकि आगे की बौगियाँ दुर्घटना की शिकार हुयी हैं.. ये तो स्कूल तक की फिजिक्स पढने वाले भी जानते हैं के सबसे ज्यादा आघूर्ण (torque), center of rotation से सबसे दूर वाले बिंदु पर लगता है... तो पीछे की बौगियाँ ही सबसे पहले अपना स्थान छोड़ेंगी...
- इस रेलगाड़ी में WAP 7 इंजन जुड़ा था, जिसकी टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन अगर आप पढेंगे तो ये पायेंगे की ये इंजन ११० की गति से शुन्य तक की गति तक आने में केवल २०० सेकेण्ड का समय लेता है यानी कि करीब २९० मीटर तक चलने के बाद बिना किसी दुर्घटना के गाडी रुक जायेगी, बस हलके झटके लगेंगे...
तो हमारे ऊंचे पदों पर बैठे लोग ये जान लें कि हम यहाँ बेवकूफ नहीं बैठे जो वो अपनी गलती का ठेका उस ड्राईवर पर डाल दें सिर्फ इसलिए कि वो गरीब है और आवाज़ नहीं उठा सकता....
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इस दुर्घटना में मृत लोगों की आत्मा को शान्ति मिले और घायल लोग जल्द से जल्द स्वस्थ हों ऐसी कामना करता हूँ...
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भाई शेखर जी आपने बहुत ही सही जानकारी दी है| बिना कारण ही एक बेचारे गरीब चालक को फंसाया जा रहा है| यह निंदनीय है|
ReplyDeleteड्राइवर ने जो कहा है वह तकनीकी दृष्टि से ठीक है.ऐसे में उसे दोष देना बिलकुल भी उचित नहीं है.
ReplyDeleteसही लिखा है आपने.
सादर
हादसा बहुत ही दर्दनाक था। लेकिन जबरन किसी पर इल्जाम थोपना भी सही नहीं है।
ReplyDeleteजरुरी ये नहीं है की रेलवे के अधिकारी मीडिया या लोगों को दुर्घटना का क्या कारण बता रहे है जरुरी ये है की कम से कम वो अपनी निजी जाँच में सच को समझे उसे कबूले और उन गलतियों को दुबारा ना होने दे किन्तु जिस तरह से देश में रेल दुर्घटनाये हो रही है लगता नहीं की वो विभागीय रूप से भी इन दुर्घटनाओ की सही जाँच कर रहे है या फिर उनको दूर करने का कोई प्रयास कर रहे है |
ReplyDeleteaapka gour karnaa kabile taarif hai sachai phir kya hai?? kai sawaaL??
ReplyDeleteshi hai shekhar.
ReplyDeleteहमें तो जो बताया जाता है वही मानना पड़ता है ..सच क्या है पता नहीं. अच्छा लिखा है.
ReplyDeleteमीडिया को तो मसाला चाहिये, बस मौका लगा और चिल्लाने लगे.
ReplyDeleteरेलवे की जब साल भर बात रिपोर्ट आयेगी तब मीडिया उसे नहीं दिखायेगा,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सही बात है अन्याय का विरोध होना ही चाहिए ...शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है ... ।
ReplyDeletebilkul sahi..galat baaton kaa virodh honaa chaahiye...
ReplyDeleteCongrats you have been awarded :)
ReplyDeletehttp://aashishanant.blogspot.com/2011/07/award-night.html
सुमन जी,
ReplyDeleteमेरे मन में भी कुछ विचार विकसित हो रहे हैं, कहता हूँ :
आपने दुर्घटना का वास्तविक कारण पता लगाने को वैज्ञानिक विवेचन किया जो तकनीकी दृष्टि से सही लगता है किन्तु दुर्घटना का वास्तविक कारण सत्ता पक्ष के शीर्ष नेताओं की धूर्त राजनीति भी मानी जा सकती है.
— मुझे तो इस घटना के पीछे ध्यान भ्रमित करने का 'पहला प्रयास' प्रतीत होता है. ... दूसरा प्रयास — मुम्बई बम कांड.
आमजन अपने जीवन से जुड़े मसलों में उलझे रहें तो 'राष्ट्र हित' पर ध्यान नहीं दे पायेंगे और इस तरह मनमाने रूप से असंवैधानिक कार्य होते रहेंगे.
सही विवेचना एक अच्छी पोस्ट
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