मैं एक भ्रम हूँ,
उस आईने के लिए
जो मुझमे खुद को देखता है...
***********
मुझे पता है
तुम कवितायें नहीं लिखती
लेकिन तुम्हारी मुस्कान
मेरे ऊपर लिखी गयी
तुम्हारी सबसे हसीन कविता है...
***********
तुमको अपना हमसफर बनाना
या ये कहूँ कि
बनाने का फैसला लेना
उतना ही आसान था जैसे
आँगन में पसरे कपड़ों का
अचानक से आई बारिश में भीग जाना,
लेकिन मुझे अपना हमसफर बना के
तुमने मुझे बना दिया है
कई खोटी चवन्नियों का मसीहा....
***********
आज शाम है,
कल बारिश
और परसों इश्क़...
उलझी सी बातें हैं न,
फिर उलझ न जाए
बारिश की बूंदे भी
हमारी नज़रों के धागे में...
उस आईने के लिए
जो मुझमे खुद को देखता है...
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मुझे पता है
तुम कवितायें नहीं लिखती
लेकिन तुम्हारी मुस्कान
मेरे ऊपर लिखी गयी
तुम्हारी सबसे हसीन कविता है...
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तुमको अपना हमसफर बनाना
या ये कहूँ कि
बनाने का फैसला लेना
उतना ही आसान था जैसे
आँगन में पसरे कपड़ों का
अचानक से आई बारिश में भीग जाना,
लेकिन मुझे अपना हमसफर बना के
तुमने मुझे बना दिया है
कई खोटी चवन्नियों का मसीहा....
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आज शाम है,
कल बारिश
और परसों इश्क़...
उलझी सी बातें हैं न,
फिर उलझ न जाए
बारिश की बूंदे भी
हमारी नज़रों के धागे में...
Tum aaye the...?
ReplyDeleteआया तो था पर सन्नाटा पसरा था वहाँ....
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