मिलती है तू ख़्वाबों में, हर बार बिछड़ के ऐसे
धूप के कम्बल से झांकती जैसे वो ठिठुरती सी शाम है |
ए हमदम तेरा दिल मुझे उस नुक्कड़ सा लगता है
जिसे कोई मंजिल न मिली और वही आखिरी मुक़ाम है |
मैंने लिक्खी थीं कई नज्में अपनी मोहब्बत के वास्ते,
पर उन नज़्मों पर तेरी मुस्कराहट ही मेरा सच्चा कलाम है |
परवाह नहीं मुझे ज़माने की संगदिली की जब तक
मेरे दिल की ज़मीं पर तेरी मोहब्बत का आसमान है |
लिखने बैठा हूँ इक ग़ज़ल मोहब्बत के काफ़िये में
हर पन्ने पर लिक्खा मैंने बस तेरा ही नाम है |
कितना कुछ है जो लिखा जा चुका है कई-कई बार,
इक तिरा नाम है जिसे हर बार लिखना जज़ा का काम है |
*जज़ा- पुण्य
धूप के कम्बल से झांकती जैसे वो ठिठुरती सी शाम है |
ए हमदम तेरा दिल मुझे उस नुक्कड़ सा लगता है
जिसे कोई मंजिल न मिली और वही आखिरी मुक़ाम है |
मैंने लिक्खी थीं कई नज्में अपनी मोहब्बत के वास्ते,
पर उन नज़्मों पर तेरी मुस्कराहट ही मेरा सच्चा कलाम है |
परवाह नहीं मुझे ज़माने की संगदिली की जब तक
मेरे दिल की ज़मीं पर तेरी मोहब्बत का आसमान है |
लिखने बैठा हूँ इक ग़ज़ल मोहब्बत के काफ़िये में
हर पन्ने पर लिक्खा मैंने बस तेरा ही नाम है |
कितना कुछ है जो लिखा जा चुका है कई-कई बार,
इक तिरा नाम है जिसे हर बार लिखना जज़ा का काम है |
*जज़ा- पुण्य
bahut hi khoobsoorat nazm hai suman bhaiya......
ReplyDeleteaap ki Nazm ka hamesha aise hi intzaar rahta hai.
Aur tumhari gazal padna bhi jjaja ka Kam hai ❤
ReplyDeleteकितना कुछ है जो लिखा जा चुका है कई-कई बार,
ReplyDeleteइक तिरा नाम है जिसे हर बार लिखना जज़ा का काम है |
सुन्दर अभिव्यक्ति ! आभार। "एकलव्य"
loved your writing..pls do visit my blog need to know your views
ReplyDeletehttp://wazood.blogspot.in/
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉग दिवस पर आपका योगदान सराहनीय है. हम आपका अभिनन्दन करते हैं. हिन्दी ब्लॉग जगत आबाद रहे. अनंत शुभकामनायें. नियमित लिखें. साधुवाद.. आज पोस्ट लिख टैग करे ब्लॉग को आबाद करने के लिए
ReplyDelete#हिन्दी_ब्लॉगिंग
वाह
ReplyDeleteबहुत खूब
हिन्दी ब्लॉगिंग की गति बनाये रखने हेतु आपका प्रयास सराहनीय है -शुभकामनाएं
ReplyDeleteमिलती है तू ख़्वाबों में, हर बार बिछड़ के ऐसे
ReplyDeleteधूप के कम्बल से झांकती जैसे वो ठिठुरती सी शाम है |- वाह
वाह क्या बात है , बहुत अच्छा लिखा है | बहुत दिनों बाद पढ़ा आप को , पहले का जो याद आ रहा है उस हिसाब ये ये वाला उन सभी से कही अच्छा है | अब आप इसे ऐसे भी देख सकते है या तो आप बहुत अच्छा लिखने लगे है या मै पहले से ज्यादा अच्छे से समझने लगी हूँ :)))
ReplyDeleteसुन्दर । शुभकामनाएं।
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