बिखरेंगे हज़ार घर, पर ख्वाबों वाला बचाये रखना,
इन उखड़ते हुये पेड़ों पे कई घोंसले थे चिड़ियों के,
इन परिंदों में तुम उड़ने का हौंसला बचाये रखना...
लोगों का क्या, वो नफरत लिखेंगे हज़ार तेरी हथेली पर,
तुम बस दिल में बसी मोहब्बत पर भरोसा बचाए रखनाइस रंग बदलती दुनिया में लोगों के वजूद बदलते हैं
तुम खुद के अंदर खुद को बस बचाये रखना...
शब्द जैसे ढ़ल गये हों
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