जब भी किसी शिक्षक को याद करने की कोशिश करता हूँ, सबसे पहले आपका ही चेहरा नज़र आता है, आखिर आपकी दी हुई ज़िन्दगी ही तो जी रहा हूँ, न ही उसमे कुछ जोड़ा न ही घटाया... आपका सिखाया हुआ हर एक सबक याद है, जो ज़िन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर काम आयेंगे ही... इस ज़िन्दगी की किताब के हर एक पन्ने का अस्तित्व बस आपके ही दम से है, जानता हूँ इस बात के लिए कोई भी पिता अपने बेटे का शुक्रिया कबूल नहीं कर सकते हैं, फिर भी वो कहते हैं न जो बात दिल से निकल रही हो उसे रोकना नहीं चाहिए... तो आज यूँ ही बस ये ख्याल हो आया कि आपके गले से लग जाऊं और प्यार से थैंक्स कह दूं, मुझे पता है आप एक हलकी सी चपत लगायेंगे और कहेंगे, पागल हो क्या, इसमें थैंक्स कहने जैसी बात क्या है... फिर भी बस यूँ ही... मेरी ख़ुशी के लिए ही सही थैंक्स कबूल कर लीजिये न...
आपकी छड़ी तो मैं आज तक नहीं भूला, जब भी कभी मैंने कोई गलती की आपकी छड़ी से कभी बच नहीं पाया, लेकिन मुझे मालूम है मेरी पिटाई से मुझे जितनी चोट लगती थी, उससे कहीं ज्यादा आपका दिल भी तो दुखता होगा...
आखिर वो मेरे भले के लिए तो था, आज भी जब कोई गलती होने वाली होती है तो आपका ख्याल ज़रूर आता है... ये आपके दिए हुए ही संस्कार ही तो हैं जो हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते रहते हैं... उम्मीद यही करता हूँ कि आपकी दी हुयी शिक्षा और संस्कारों का मान रख पाऊंगा, और अगर कभी कोई गलती हुयी तो आपकी छड़ी हमेशा मेरे साथ होगी, आप भी ये कभी ये सोच कर हिचकिचायियेगा नहीं कि मैं अब बड़ा हो गया हूँ, आपके लिए तो मैं हमेशा ही वही विक्रम रहूँगा जो हमेशा शैतानियाँ करता रहता था... आपकी छड़ी में छिपे आशीर्वाद के लिए मैं हमेशा तैयार मिलूंगा... आई लव यू पापा...
चलते चलते शिवम भैया की भाषा में कहूं तो, शिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों का पुण्य स्मरण करते हुए नमन करता हूँ | भगवान् उन सब को दीर्घजीवी बनाये ... ताकि वह सब ज्ञान का प्रकाश दूर दूर तक पंहुचा सकें |
चलते चलते शिवम भैया की भाषा में कहूं तो, शिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों का पुण्य स्मरण करते हुए नमन करता हूँ | भगवान् उन सब को दीर्घजीवी बनाये ... ताकि वह सब ज्ञान का प्रकाश दूर दूर तक पंहुचा सकें |
आज कल अपने पोस्ट ग्रेजुएशन में थोडा व्यस्त हूँ इसलिए आपलोगों के ब्लॉग पर टिपण्णी नहीं कर पा रहा हूँ,, लेकिन पढना अनवरत जारी है...उम्मीद है आपने भी मुझे पढना नहीं छोड़ा होगा...
ReplyDeleteजीवन का पहला पाठ तो हमने अपने माँ-बाप से ही सीखा है| हमारे पहले टीचर तो वे ही हैं|
ReplyDeleteआपको भी शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं...
बड़ा ही भावमयी अर्पण।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की शुभकामनायें.
माता पिता ही हमारे प्रथम शिक्षक होते हैं .सच है.सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteइनसे बड़ा कोई नहीं ....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
केवल प्रथम ही नहीं बल्कि आखिर तक माता पिता शिक्षक होते हैं अगर हमारी ग्राह्यता बनी रहे. सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई .
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteshikshak diwas ke suawasar par saarthak prastuti
ReplyDeleteshikshak diwas kee haardik shubhkamnayen..
कल (07/09/2011 को ) आप संघर्ष करेंगे यहाँ :)))
ReplyDeleteइतने खूबसूरत भाव पढ़ कर अनायास आशीर्वाद के लिए हाथ उठ जाता है...पढ़ाई के लिए ढेरों शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.......शुभकामनाएँ !
ReplyDelete