कल रात यूँ ही बिस्तर पर लेटे लेटे एक ख्याल मन में आया | सभी ब्लॉगर्स दूसरे की रचनायें पढ़ते हैं लेकिन क्या वो अपनी पुरानी रचनाओ को पढ़ते हैं ? ? ? शायद नहीं |
इसलिए मेरे ब्लॉग पर हर शनिवार की शाम ऐसी रचनायें प्रकाशित की जायेंगी, जो हैं तो आपकी लेकिन शायद आपने बहुत दिनों से नहीं पढ़ीं.... आप इसे दोबारा यहाँ पढ़ सकते हैं | और हाँ इसका ज़िक्र आप अपने ब्लॉग पर भी कर सकते हैं ताकि आपके वो पाठक और प्रशंसक जिनका शायद मेरे ब्लॉग पर नियमित आना नहीं हैं वो भी इसका आनंद उठा सकें....
तो फिर सोच क्या रहे हैं कृपया अपने विचार जल्दी से जल्दी मुझे भेजें ताकि इसी शनिवार से काम शुरू हो जाए आपकी ही रचना को आपसे ही बांटने का....आपके जवाब के इंतज़ार में.....
## किसी की अनुमति के बिना उनकी रचना यहाँ प्रकाशित नहीं होगी..... इसलिए अपनी हामी जरूर भरें....
nek khayal hai
ReplyDelete@ deepali ji,.....
ReplyDeletebahut bahut dhanyawaad....
शुभस्य शीघ्रम्।
ReplyDeleteजिन्हें मेरा यह आईडिया पसंद नहीं आया कृपया वो भी टिप्पणी दें...
ReplyDeletehmmmmm.......aache vichar hai...par ek baat share karna chahti hoon..mere jaise log jo kewal apne anubhav hi likhtey hain wo apni purani rachnaye patey rahtey hai....
ReplyDeleteसामयिक निर्णय ।
ReplyDeletehmmm achha hai vichaar hai ....
ReplyDeleteNeki aur poochh poochh..
ReplyDeleteमंजुला जी मेरे दिमाग में यह ख्याल आने का कारण हैं कि मुझे पढने का बहुत शौक है, इसी बहाने मैं ज्यादा से ज्यादा रचनायें पढ़ सकूंगा....
ReplyDeletebahut aacha idea hai fir to aapka ....mujhe intzaar hai aapke agle step ka....
ReplyDeleteGod bless u...
शुभ संकल्प सा श्रेष्ठ विचार
ReplyDeleteआभारी होगा आपका सकल सृजन संसार
अच्छा विचार है .... हमारी तो स्वीकृति है ....
ReplyDeleteye to yaadon ka batuaa ho jayega, jismein se anmol khazane niklenge
ReplyDeleteSounds very good! Best wishes
ReplyDeleteBrilliant idea !
ReplyDeleteidea accha hai...
ReplyDeletemeri sahmati aapke saath hai...
shubhkaamnaayein..!
... sundar vichaar !!!
ReplyDeleteस्वागत योग्य विचार है...शुभकामनाएं।
ReplyDelete... sundar vichaar !!!
ReplyDeletewelcome
अमाँ यार,
ReplyDeleteसोच क्या रिये हो, छापो!
आशीष
ख्याल तो अच्छा लग रहा है :) काफी लोगों की स्वीकृति भी मिल गई है .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया विचार है ,हमारी स्वीकृति भी स्वीकार करें
ReplyDeleteशेखर जी....बहुत अच्छा लगा आपका ये विचार..शुभकामनाएं..पहली रचना किसकी होगी अभी से सोचने लगी हूँ.......
ReplyDeleteआपका विचार बहुत अच्छा है। नेकी और पूछ-पूछ।
ReplyDeleteनेक ख्याल है .....!!
ReplyDeleteशायद बहुत ही शुभ मुहूर्त में आपको नेक ख्याल आया है सुमन जी. इसकी तामील भी हो.
ReplyDeleteshaandar idea.......
ReplyDeletekahavat hai nekee aur pooch.........
shubhkamnae........
एक दिन मुझे ये खयाल आया और मैने शुरू से जाकर अपनी पुरानी पोस्ट पढीं बडा मजा आया ।आपका विचार स्तुत्य है । कई पोस्टें शुरु शुरु की किसी ने पढी बी नही हैं ।
ReplyDeleteनेकी और पूछ-पूछ।
ReplyDeleteनेकी और पूछ-पूछ।
नेकी और पूछ-पूछ।
नेकी और पूछ-पूछ।
शेखर जी....बहुत अच्छा लगा आपका ये विचार..शुभकामनाएं
ReplyDeleteneki aur puch puch!
ReplyDeleteThat is a great idea!
ReplyDeleteIdea ek dum fantastic hai jee........:)
ReplyDeleteaur meri sahmati bhi note kijiye boss!!:)
mast idea hai yaar
ReplyDeleteshukriya apnae blog par aamantrit karnae kae
ReplyDeleteek bahut hi behtreen khayal,main aapke aamantran ko swkar karti hun.aur han!aapne mujhe isyogy samjha jiske liye bahut bahut dhanyvaad.
ReplyDeletepoonam
Shekhu Thats Great.
ReplyDeleteचालू करो......... जल्दी.
Shekhar Bhai..Go ahead with your Idea. And congratulations that many bloggers liked your idea.
ReplyDeletegud idea...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...हमारी स्वीकृति है
ReplyDeleteएसा भला कौन न चाहेगा कि उसकी रचना किसी अन्य के ब्लाग पर प्रकाशित हो ।तौे हमने भी हामी भर दई । हम तौ 2008 से लिखरये हैंगे कोउ न पढे तो हम का करें , जाथेैं दो चार ब्लागन पै टिप्पणी कर आथें वे हमारे ब्लाग पे बहौत अच्छी है लिख जात हैंगे । तुम्हारे यहां छप जायेगी तौ हम सबे खवर कर देंगे
ReplyDeleteअच्छा विचार है !!!
ReplyDeleteshekhar ji
ReplyDeleteaapne rchnakaro ko apna khjana smbhalne ke liye prerit kiya hai.jindgi ka koi ek pl jb bhi use tvjjo di jati hai to vo kitna mhtvpoorn our prbhavshali ho jata hai ye aapko mile comments se jroor mhsoos hua hoga .bhut bhut shubhkamnaaye .
Shekhar Sumanji,
ReplyDeleteAapke sadpryas ke liye SHUBHKAMNAYEN evam SWEEKRITI.
Dhanyawad
पुराने लेख ही क्यों?
ReplyDeleteक्या हम नयी रचनाएं पेश नहीं कर सकते?
मैं यदा कदा कुछ लिखता हूँ।
मेरा अपना कोई ब्लॉग नहीं है। मेरे जैसे और भी लोग होंगे जो केवल औरों के ब्लॉग पढते है और टिप्पणी करते हैं।
या ऐसे लोग होंगे जिन्होंने ब्लॉग लिखना तो शुरू किया पर ब्लॉग जगत में ज्यादा दिन टिक नहीं सके और लिखना बन्द कर दिया।
ज्ञानदत्त पांडेजी के ब्लॉग पर कभी कभी मेरे लेख छपते हैं।
ज्ञानजी उसे अथिति पोस्ट समझकर मुझे अपने ब्लॉग पर स्थान देते हैं।
हाल ही में मेरे कुछ कैलिफ़ोर्निया के संसमरण छ्पी हैं।
कडी है halchal.gyandutt.com
अब तक चार किस्तें छपी हैं और पाँचवी किस्त कुछ ही दिनों में छपेगी।
क्या भविष्य में यदि मैं या आपका कोई मित्र या पाठक आपको कोई लेख भेजता है और आप उसे प्रकाशित करने योग्य समझते हैं तो क्या आप उन लेखों को शनिवार को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए तैयार हैं?
क्या केवल कविताएं आमंत्रित हैं?
क्या यदि लेख के साथ कोई चित्र संलग्न हो तो उसे आप छाप सकते हैं
क्या चित्रों को resize करने की सुविधा है आपके पास?
कृपया इसपर विचार करके हमें बताएं
वैसे आपका idea अच्छा है।
हम जैसे लोगों का लेख बहुत कम लोग पढते हैं।
आपके कन्धों पर चढकर ब्लॉग जगत में सैर करने का यह अच्छा अवसर है।
अंग्रेज़ी में कहते इसे :Riding piggy back on another
मुझे डर है कि आप के पास ढेर सारे लेख पहुँच जाएंगे।
फ़िर आप कैसे चुनेंगे? सपताह में शनिवार एक बार ही आता है!
किसको प्राथमिकता देंगे? इसके बारे में भी आपको सोचना पडेगा।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
आदरणीय जी विश्वनाथ जी
ReplyDeleteओह... आपने तो मेरे सामने ढेर सारे सवाल खड़े कर दिए....
खैर एक-एक कर जवाब देता हूँ....
##पुरानी रचनाओं का ख्याल इसलिए मन में आया क्यूंकि जो लोग नियमित लिखते हैं यानी महीने में ४-५ बार शायद वो कुछ महीने पहले लिखी रचनाओं को भूल ही जाते हैं... मेरा प्रयास सिर्फ यह है कि वो सुनहरी यादें एक बार फिर उनके नज़रों से होकर गुजरे...
##अगर कोई अतिथि लेखक अपनी रचनायें मेरे ब्लॉग पर छपवाना चाहता है तो वो सदर आमंत्रित है...
## सिर्फ कविता ही क्यूँ, वो हर रचना जो अच्छी होगी उसे प्रकाशित किया जायेगा, सभी तरह के लेख और चित्र आमंत्रित हैं.... चित्रों को resize करने में कोई परेशानी नहीं है, इस चार साल कि इंजीनियरिंग में काफी कुछ सीखा है...
## जहाँ तक बात है सिर्फ शनिवार को प्रकाशित करने की, तो अभी फिलहाल यह मेरी मजबूरी है क्यूंकि मैं अभी तक अपने जीवन में स्थापित नहीं हुआ हूँ अभी भी नौकरी कि तलाश में हूँ...फिलहाल दिवाली तक के लिए घर आया हुआ हूँ... हाँ अगर संख्याएँ बढेंगी और इसे आप सब के द्वारा प्रोत्साहन मिला तो दिन बढा दिए जायेंगे....
## वैसे अगर सब कुछ सही रहा तो जल्दी ही मेरा एक नया ब्लॉग तैयार हो जायेगा जो सिर्फ पाठकों का होगा....
उम्मीद है आपकी शंकाओं का समाधान हो गया होगा....आपने इसमें इतनी ज्यादा रूचि दिखायी | बहुत बहुत धन्यवाद....
उत्तर के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteएक बार पुन: कहना चाहता हूँ के idea अच्छा है।
यदि अन्य ब्लॉग्गर मित्र भी यह नीति अपनाते हैं तो ब्लॉग्गर लोग अपने पाठकों को आपस में बाँट सकेंगे।
हरेक को नये पाठक मिलेंगे। ब्लॉग को अधिक exposure मिलेगा।
यह arrangएment यदि reciprocal हो जाता है तो और भी अच्छा होगा।
पूर्व सम्मति से, आप भी, अपना ब्लॉग होते हुए भी, सप्त्ताह में या महिने में एक या दो बार अपने लेख को किसी अन्य ब्लॉग्गर मित्र के यहाँ छाप सकते हैं।
इससे हरेक के ब्लॉग में विविधता होगी।
मेरा अनुमान है कि हर ब्लॉग का एक सीमित circle and sphere of influence and exposure होता है।
इस सुझाव से यह circle / network का विस्तार होगा और सब को लाभ होगा।
एक अतिथी पोस्ट लिखकर आप को भेजूँगा। आशा है कि आप इसे अपने ब्लॉग पर स्थान देकर हमें एक अवसर देंगे।
मेरा अपना कोई ब्लॉग नहीं है और फ़िलहाल नया ब्लॉग आरंभ करने का कोई इरादा नहीं है।
ब्लॉग जगत में यहाँ वहाँ भटकता हूँ और टिप्पणी छोडकर जाता हूँ।
अब तक ज्ञानजी मेरे कुछ लेखों को अपने ब्लॉग पर स्थान देते आए हैं।
आपका ब्लॉग पर भी मुझे यदि स्थान मिल जाए तो बडा उपकार होगा।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
Good Idea and agree as all.
ReplyDeleteआप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
आपको और आपके परिवार को नवरात्र की हार्दिक शुभ कामनाएं
ReplyDeleteयहाँ सहमति देने ज़रा देर से आई हूँ ....पर यह विचार बहुत अच्छा है ...आज ही रश्मि जी की कविताएँ पढ़ीं ...बहुत अच्छा लगा यहाँ उनको पढ़ कर ...आभार
ReplyDeleteमंज़ूर है।
ReplyDeleteपर शेखर जी, हम तो अपनी रचनाओं के साथ जीते हैं।
haan nek khayal hai aapka...sahmat hun aapse..
ReplyDeletehttp://dil-ki-kalam.blogspot.com/