महफ़िल में सब हैं, फिर भी जानाँ, तुम ही मेरी तलाश भी हो।
पलकों पे तेरी ख़्वाब सजे हैं, दिल में मेरे अरदास भी हो।
महक उठी है रूह की बगिया, जैसे बदन की घास भी हो।
लब पे दुआ बनकर ठहरना, आँखों की कोई प्यास भी हो।
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