आपकी कविता इतनी नरम और गहरी लगी कि दिल खुद-ब-खुद उसमें घुल गया। आपने जिस तरह दूरी और करीबियों को एक साथ बाँधा है, वो बहुत सच्चा लगता है। मैं हर लाइन में एक ऐसी भावना महसूस करता हूँ, जो प्यार को किसी भारी शब्दों में नहीं, बल्कि हल्के एहसासों में पकड़ती है।
दिल में मेरे अरदास भी हो
ReplyDeleteबेहतरीन रचना
आपकी कविता इतनी नरम और गहरी लगी कि दिल खुद-ब-खुद उसमें घुल गया। आपने जिस तरह दूरी और करीबियों को एक साथ बाँधा है, वो बहुत सच्चा लगता है। मैं हर लाइन में एक ऐसी भावना महसूस करता हूँ, जो प्यार को किसी भारी शब्दों में नहीं, बल्कि हल्के एहसासों में पकड़ती है।
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