Tuesday, December 7, 2010

पहचान कौन चित्र पहेली :- ७ के विजेता और एक कविता....

                  आपका ये चहेता ब्लॉग मित्र शेखर सुमन हाज़िर है पहचान कौन चित्र पहेली :- ७ के विजेताओं के साथ | बड़ा ही अफ़सोस है कि इस पहेली का सही उत्तर सिर्फ २ लोगों ने दिया|
                  इस पहेली के विजेता हैं प्रकाश गोविन्द जी.. ( १०० अंक )  

                और उपविजेता हैं वंदना महतो जी ( ९९ अंक )


==================================================================
            आप सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई और जिनके जवाब गलत रहे उन्हें अगली पहेली के लिए शुभकामनाएं |
                      चलते चलते आप सबको जयशंकर प्रसाद जी की ये कविता याद दिलाता चलूँ....
                                                         अरुण यह मधुमय देश हमारा ...

अरुण यह मधुमय देश हमारा।
जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को
मिलता एक सहारा।
 

सरस तामरस गर्भ विभा पर
नाच रही तरुशिखा मनोहर।
छिटका जीवन हरियाली पर
मंगल कुंकुम सारा।।

लघु सुरधनु से पंख पसारे
शीतल मलय समीर सहारे।
उड़ते खग जिस ओर मुँह किए
समझ नीड़ निज प्यारा।।

बरसाती आँखों के बादल
बनते जहाँ भरे करुणा जल।
लहरें टकरातीं अनंत की
पाकर जहाँ किनारा।।

हेम कुंभ ले उषा सवेरे
भरती ढुलकाती सुख मेरे।
मदिर ऊँघते रहते जब
जग कर रजनी भर तारा।।


- जयशंकर प्रसाद
       

31 comments:

  1. आदरणीय प्रकाश गोविन्द सर को विजेता बनाने पर ढेरों शुभकामनाएँ ....

    वन्दना महतो जी को भी ढेरों शुभकामनाएँ ....

    इस सुन्दर पहेली को आयोजित करने के लिए शेखर जी को भी बधाई...

    ReplyDelete
  2. आशीष मिश्रा जी उम्मीद है अगली पहेली में आपके दर्शन जरूर होंगे...

    ReplyDelete
  3. विजेताओं को हार्दिक बधाई ......
    इतनी सुंदर कविता पढवाने के लिए धन्यवाद ......

    ReplyDelete
  4. विजेताओं को बधाई !
    जयशंकर प्रसाद जी की कविता पढवाने के लिए शुक्रिया ... इसे पढ़ो तो पाता चलता है कि कितने उच्चकोटि के कवि थे प्रसाद जी ..

    ReplyDelete
  5. @ शेखर जी हम तो यही डेरा जमाये बैठें है .............:)

    ReplyDelete
  6. सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  7. जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को
    मिलता एक सहारा।

    aur kaun likh sakta tha aisa, prasad ji ke siva. jo kshitij ko hi sahara de, vo hamare desh ke siva aur kaun ho sakta hai....shukriya ye padhvaane ke liye dost

    ReplyDelete
  8. सांझ ...
    आपका स्वागत...

    ReplyDelete
  9. विजेताओं को हार्दिक बधाई ......

    ReplyDelete
  10. सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  11. विजेताओं को बधाई !
    जयशंकर प्रसाद जी की कविता पढवाने के लिए शुक्रिया॥

    ReplyDelete
  12. प्रकाश गोविन्द तो पहेलियों का एन्साईक्लोपीडिया है। प्रकाश और वन्दना को बहुत बहुत बधाई। कविता बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  13. विजेताओं को हार्दिक बधाई ......

    ReplyDelete
  14. प्रकाश गोविन्द सर को विजेता बनाने पर ढेरों शुभकामनाएँ ....

    ReplyDelete
  15. .

    सुमन जी आपने बड़ी ही सुन्दर व्यवस्था बना रखी है कार्यक्रमों को करने की. सप्ताह में प्रति दिन नया स्वाद. वाह.

    सुमन जी .. करना कोई उपाय
    स्पर्धा ... कुछ ऎसी हो जाय
    बेरोजगारों की होवे .... आय
    परस्पर का भय सब मिट जाय.

    नंगों को .. कच्छा मिल जाये.
    और .. भूखे भी भूख मिटायें.
    शेर-बकरी .. मिल गाना गायें
    विजयनी .. मानवता हो जाये.

    .

    ReplyDelete
  16. .

    प्रसाद जी को समर्पित ........

    .

    सुमन ये अनभय देश हमारा
    जहाँ नहीं हो भय निर्बल में, नहीं कोई बेचारा.
    मूक पशु भी निर्भय घूमें, खायें अपना चारा.
    जीभ स्वाद के वशीभूत ना बहे खून की धारा.
    बच ना पाए अमन आड़ में मज़हब का हत्यारा.

    .

    ReplyDelete
  17. .

    सुमन ये अनभय देश हमारा

    .

    ReplyDelete
  18. विजेताओं को बधाई ....बहुत खूबसूरत कविता पढवा दी आज ...बहुत अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  19. विजेताओं को हार्दिक बधाई ...

    ReplyDelete
  20. प्रतुल जी
    आपकी रचनाओं ने तो यहाँ चार नहीं चौदह चाँद लगा दिए हैं....
    आपका यूँ ही आना होता रहे तो थोड़ी कविता करना मैं भी सीख जाऊँगा...

    ReplyDelete
  21. विजेताओं को बहुत बहुत बधाई!!!

    ReplyDelete
  22. विजेताओं को बधाई के साथ शुभकामनायें ...इतनी सुन्‍दर रचना के लिये आभार ।

    ReplyDelete
  23. जयशंकर प्रसाद जी की कविता पढवाने के लिए शुक्रिया
    वन्दना महतो जी को बधाई- शुभकामनाएँ ....
    givind sir ko bhala mai kya badhayi dun. wo to great hain hi. pata nahi kaise khoj lete hain ?

    hamne bhi jai shankar prasad ji ki google men khoob saari pictures dekhi thi lekin hamen to yah picture kahin nahi dikhi.

    ye paheli bahut kathin rakhi thi aapne. bahut pareshan huye ek baar fir hum. next time asaan rakhiyega :)

    ReplyDelete
  24. अदिति जी
    आप हिंदी में इनका नाम लिखें और गूगल पर सर्च करें..

    ReplyDelete
  25. Quote:
    अदिति जी
    आप हिंदी में इनका नाम लिखें और गूगल पर सर्च करें..
    Unquote:

    क्या किसी तसवीर को इंगित करके, गूगल के माध्यम से उस तसवीर की खोज की जा सकती है?

    प्रकाश गोइविन्दजी और वन्दना जी को हमारी बधाई।

    ReplyDelete
  26. कविता पढवाने हेतु आभार!
    विजेताओं को बधाई!

    ReplyDelete
  27. han maanti hun
    abhi jab hindi men likha tab google men dikh gaya.

    lekin ek baat bataaun ?
    please aap hasiyega nahi
    maine hindi course ki book se saare sahityakaron ko ek-ek karke khoob check kiya tha.
    ab kya kahun aage ... mera bad luck :)

    ReplyDelete
  28. विश्वनाथ जी..
    नहीं, अगर ऐसा हो सकता तो पहेली का मज़ा खराब हो जाता....
    थोडा सब्र रखना होता है अगर गूगल से ढूँढ रहे हैं, अगर जवाब आता है तो क्या कहने....

    ReplyDelete
  29. उत्तर के लिए आभार

    किसी ने कहा था यह संभव है।
    हम आगे भी पूछताछ करेंगे और यदि कोई सूचना मिलती है तो आपको बता देंगे।

    आजकल बहुत वयस्त हूँ और आपके और अन्य मित्रों के ब्लॉग पर टिप्पणी करने के लिए समय नहीं मिल रहा है।
    बस थोडा समय चुराकर ब्लॉग को पढता हूँ।
    कल कुछ दिनों के लिए हैदरबाद जा रहा हूँ और शाय्द इंटर्नेट से दूर रहूँगा।
    सोमवार वापस आ जाऊंगा और इस बीच यदि हम सम्पर्क में नहीं रहते तो कृपया अन्तथा न लें।

    शुभकामनाएं
    जी विश्वनाथ

    ReplyDelete
  30. विश्वनाथ जी,
    अन्यथा लेने का सवाल ही नहीं उठता है | व्यस्तता का दर्द समझ सकता हूँ | आपकी यात्रा मंगलमय हो...

    ReplyDelete

Do you love it? chat with me on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...